[ prem - nagari ]
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एक इश्क नगरी की वादी थी,
जहाँ प्यार की नदियाँ बहती थी,,
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कुछ दिल-वाले भी रहते थे,
जो प्यार की बातेँ करते थे,,
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जब बहार का मौसम आता था,
और फुल प्यार के खुलते थे,,
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मस्त-नशीली रोतो मेँ,
प्यार से दो दिल मिलते थे,,
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एक रोज वो बस्ती बिखर गयी,
और प्यार की बस्ती उजर गयी,,
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और फिर हर दिल को सौग लगा,
और जीवन भर का रोग लगा,,
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दीवाने फिरते रहते है,
और हर एक से पुछा करते है,
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इकरार किसी से तुम ना करना,
तुम प्यार किसी से ना करना...!♥